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कौशल विकास:
A Commitment to Excellence
कुमावत समाज हमेशा से ही लचीलेपन, कड़ी मेहनत और मजबूत मूल्यों पर आधारित समुदाय रहा है। इस विरासत को बनाए रखने और समुदाय को एक उज्जवल भविष्य की ओर प्रेरित करने के लिए, हम “उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता” को अपनाते हैं – शिक्षा, नेतृत्व, संस्कृति और सामाजिक विकास में उच्चतम मानकों के लिए प्रयास करने की प्रतिज्ञा।
महिलाओं की शिक्षा और वित्तीय स्वतंत्रता की वकालत। स्वास्थ्य शिविर, कानूनी जागरूकता अभियान और नशा मुक्ति अभियान आयोजित करना। ग्रामीण विकास पहल (स्वच्छ जल, स्वच्छता, शिक्षा) का समर्थन करना।

कुमावत समाज का गौरवशाली इतिहास
कुमावत समाज की उत्पत्ति भगवान विश्वकर्मा से मानी जाती है, जो देवताओं के शिल्पकार और निर्माणकर्ता माने जाते हैं।

कुमावत समाज की सांस्कृतिक परंपराएं
कुमावत समाज न केवल शिल्प और निर्माण कार्य में प्राचीन गौरव से जुड़ा है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक परंपराएं भी अत्यंत समृद्ध, अनुशासित और प्रेरणादायक रही हैं।

कुमावत समाज का सामाजिक योगदान
समाज ने कई मंदिर, धर्मशालाएं और संस्कार केंद्रों का निर्माण कराया है, जहाँ समाज और अन्य वर्गों को सुविधा मिलती है।

डिजिटल युग में कुमावत समाज की नई उड़ान
21वीं सदी को डिजिटल क्रांति का युग कहा जाता है। जहां हर समाज, हर वर्ग अपनी पहचान को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का प्रयास कर रहा है ।

युवा पीढ़ी की सोच और दिशा
कुमावत समाज की युवा पीढ़ी अब परंपरा के साथ आधुनिकता का संतुलन बनाकर आगे बढ़ रही है। आज के युवा केवल शिल्पकला तक सीमित नहीं, बल्कि शिक्षा, टेक्नोलॉजी, व्यापार और सरकारी सेवाओं में भी अपनी पहचान बना रहे हैं।
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